इसका प्रयोग अधिकतर भोज्य पदार्थों में किया जाता है। इससे विभिन्न प्रकार के पदार्थ, जैसे तेल, पेक्टिन, सिट्रिक अम्ल, रस, स्क्वाश तथा सार (essence) आदि तैयार किए जाते हैं।।
  
इसके फल में सूखे पदार्थ के आधार पर 50 से 60 प्रति शत तक तेल रहता है।
जैतून की खेती राजस्थान के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है और राजस्थान देश में जैतून की खेती के अग्रणी उत्पादक के रूप में उभकर सामने आया है।