पारम्परिक रूप से बड़े अकार के अंगूरों की किशमिश को हिन्दी में मुनक़्क़ा कहा जाता है।
  
9 वर्षों के निरंतर विकास के बाद जूजूबे न्वोछांग के किसानों द्वारा आमदनी को बढ़ाने का तरीका बना। यहां किसानों की वार्षिक आदमनी में लगभग 80 प्रतिशत जूजूबे से आयी है।